Read Time5
Minute, 17 Second
नई दिल्ली: एक बहुत पुरानी कहावत है, जहां चाह...वहां राह। मतलब, अगर आपने कुछ करने का ठान लिया, तो फिर मंजिल तक पहुंचने का रास्ता खुद-ब-खुद बन जाता है। और, तमिलनाडु के तेनकासी जिले की रहने वालीं एस इनबा ने इस कहावत को पूरी तरह से सही साबित कर दिखाया है। इनबा के पिता श्रीनिवासन राज्य परिवहन निगम में कंडक्टर के पद से रिटायर हैं। मां एस स्टेला बीड़ी बनाने के एक कारखाने में काम करती हैं। वक्त बचता है, तो कुछ और पैसे कमाने के लिए पास की दुकान पर फूल माला बनाने चली जाती हैं। इनबा ने जब यूपीएससी की तैयारी के लिए कोचिंग सेंटर जॉइन किया, तो कोरोना वायरस की वजह से लॉकडाउन लग गया। ऐसी कई मुश्किलों के बावजूद इनबा ने यूपीएससी की परीक्षा क्रैक की है।इनबा को यूपीएससी में 851वीं रैंक मिली है। हालांकि, इस रैंक तक पहुंचने से पहले इनबा के सामने चुनौतियों का एक बड़ा पहाड़ खड़ा था। आर्थिक समस्याएं थी, लॉकडाउन था और ऐसी ही कई अन्य परेशानियां थीं। लेकिन, इन सबके ऊपर इनबा का हौसला भारी पड़ा। करीब ढाई साल तक उन्होंने अपने जिले की सरकारी लाइब्रेरी को ही अपना घर बना लिया। वो 12-12 घंटे तक मेहनत करती थीं। विपरीत हालातों पर जीत हासिल करने के जज्बे और उनकी लगन ने उन्हें आज पूरे देश के लिए एक मिसाल बना दिया है।
वासुदेवनल्लूर के नादर कम्युनिटी हायर सेकेंडरी स्कूल से उन्होंने अंग्रेजी मीडियम में 10वीं तक की पढ़ाई की। इसके बाद 12वीं के लिए उन्होंने तेनकासी जिले के ही एमकेवीके मैट्रिकुलेशन स्कूल में एडमिशन लिया। 2020 में इनबा ने कोयंबटूर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से कंप्यूटर साइंस में इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल कर ली। अब वो वक्त आ चुका था, जब इनबा को अपने करियर का फैसला लेना था। उन्होंने तय किया कि वो यूपीएससी परीक्षा पास कर सिविल सर्विस में जाएंगी। इनबा ने सिविल सर्विस की कोचिंग के लिए चेन्नई में शंकर आईएएस अकादमी में एडमिशन ले लिया।
वासुदेवनल्लूर के नादर कम्युनिटी हायर सेकेंडरी स्कूल से उन्होंने अंग्रेजी मीडियम में 10वीं तक की पढ़ाई की। इसके बाद 12वीं के लिए उन्होंने तेनकासी जिले के ही एमकेवीके मैट्रिकुलेशन स्कूल में एडमिशन लिया। 2020 में इनबा ने कोयंबटूर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से कंप्यूटर साइंस में इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल कर ली। अब वो वक्त आ चुका था, जब इनबा को अपने करियर का फैसला लेना था। उन्होंने तय किया कि वो यूपीएससी परीक्षा पास कर सिविल सर्विस में जाएंगी। इनबा ने सिविल सर्विस की कोचिंग के लिए चेन्नई में शंकर आईएएस अकादमी में एडमिशन ले लिया।
लॉकडाउन की वजह से छोड़नी पड़ी कोचिंग
परिवार की आर्थिक समस्याओं के बावजूद यहां तक पहुंची इनबा के सामने मुश्किलों का असली दौर अब शुरू हुआ। जैसे ही उन्होंने यूपीएससी की तैयारी के लिए कोचिंग सेंटर में एडमिशन लिया, देश में कोरोना वायरस की वजह से ल़ॉकडाउन लग गया। उन्हें कोचिंग सेंटर छोड़ना पड़ा। अब इनबा ऑनलाइन कोचिंग लेने के लिए मजबूर थी। समस्या ये थी कि उनके घर पर इंटरनेट की सुविधा नहीं थी। ऐसे में शेंगोट्टई इलाके की सरकारी लाइब्रेरी उनके काम आई। इनबा ने अगले ढाई साल तक इस लाइब्रेरी को ही अपना दूसरा घर बना लिया। वो सुबह 8 बजे ही लाइब्रेरी आ जातीं और रात को 8 बजे इसके बंद होने पर ही घर जातीं।दो बार प्री परीक्षा में हुईं फेल
लाइब्रेरी में इनबा को अखबारों, किताबों के साथ-साथ फ्री वाईफाई की भी सुविधा मिली। अब उनके लिए ऑनलाइन कोचिंग हासिल करने में कोई मुश्किल नहीं थी। इसके बाद अब वो दिन आया जब इनबा यूपीएससी की परीक्षा में बैठी। हालांकि, उन्हें पहले प्रयास में सफलता नहीं मिली। इसके बाद दिसंबर 2022 में एक प्रवेश परीक्षा पास करके उन्होंने चेन्नई के एक निःशुल्क सरकारी कोचिंग संस्थान 'अखिल भारतीय सिविल सेवा संस्थान' में एडमिशन ले लिया। इस बीच यूपीएससी का रिजल्ट आया और दूसरी बार भी उन्हें असफलता हाथ लगी।और आखिरकार इनबा ने हासिल की कामयाबी
दो-दो असफलताओं से जूझने के बावजूद इनबा ने हिम्मत नहीं हारी। वो फिर से यूपीएससी की परीक्षा में बैठीं और इस बार उन्हें इंटरव्यू के लिए बुलाया गया। इनबा ने पूरी रणनीति के साथ इंटरव्यू की तैयारी की और जब 16 अप्रैल 2024 को यूपीएससी का रिजल्ट घोषित हुआ तो इनबा का नाम मेरिट लिस्ट में था। उन्हें 851वीं रैंक मिलीं। इनबा बताती हैं कि उनकी प्रेरणा कोई और नहीं, बल्कि उनकी मां हैं, जिन्होंने हर मुश्किल के बावजूद इनबा की पढ़ाई पर कोई असर नहीं पड़ने दिया। वहीं, इनबा की कामयाबी पर उनकी मां भी बेहद खुश हैं और हर किसी से अपनी बेटी के संघर्ष की कहानी बता रही हैं।
+91 120 4319808|9470846577
स्वर्णिम भारत न्यूज़ हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं.